पीपल के पेड़ पर दीपक जलाने का सही समय: पीपल के पेड़ पर किस समय दीपक जलाएं? कैसे शांत हो जाते हैं पाप गृह?

 

 

 

क्यों खास है पीपल का पूजन?

हिंदू शास्त्रों के अनुसार पीपल की जड़ में ब्रह्मा, तने में विष्णु और पत्तियों में शिव का निवास होता है. इस वजह से इसे देव वृक्ष कहा गया है. सावन के महीने में जब भगवान शिव की उपासना की जाती है, तब पीपल का पूजन करना तीनों देवताओं का आशीर्वाद पाने के बराबर होता है. खास बात यह है कि पीपल को शनिदेव से भी जोड़ा गया है. शनिवार के दिन पीपल पर दीपक जलाने से शनि के दोष कम होते हैं.

 

शास्त्रों के अनुसार पीपल के पेड़ पर नियत समय पर दीपक जलाने से ग्रह दोष, पितृ दोष, शनि पीड़ा, आर्थिक रुकावटें और मानसिक अशांति तक दूर हो सकती हैं।ओमांश एस्ट्रोलॉजी के इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे, पीपल पर दीपक जलाने का सही समय क्या है

 

किस दिन कौन-सा दीपक जलाएं?

 

*दीपक जलाने की विधि और इससे मिलने वाले ज्योतिषीय और आध्यात्मिक लाभ और किन बातों का रखें विशेष ध्यान?

-पीपल के पेड़ पर दीपक जलाने का सबसे शुभ समय:

**संध्या काल (सूर्यास्त के बाद) — सबसे श्रेष्ठ समय:

पीपल पर दीपक जलाने का सर्वोत्तम समय सूर्यास्त के बाद संध्या काल माना गया है।

👉 यह समय शनि देव, यमराज और पितृ शक्तियों को प्रसन्न करने वाला होता है।

 

 

*क्यों खास है यह समय?

सूर्यास्त के बाद नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है,

दीपक का प्रकाश सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, शनि दोष और पितृ दोष में शीघ्र लाभ मिलता है!

 

समय सीमा: सूर्यास्त के 30–45 मिनट के भीतर दीपक जलाना सर्वोत्तम फल देता है।

*शनिवार की संध्या — शनि दोष निवारण के लिए:

शनिवार को पीपल के पेड़ पर दीपक जलाना अत्यंत फलदायी माना गया है।

 

विशेष लाभ:

*साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि महादशा की पीड़ा में राहत

*नौकरी, व्यापार और धन से जुड़ी रुकावटें कम होती हैं

*जीवन में स्थिरता आती है

**कैसा दीपक जलाएं?

 

*सरसों के तेल के दीपक में काले तिल या लौंग डालना शुभ रहता हैं !

—अमावस्या की शाम — पितृ दोष शांति हेतु:

अमावस्या के दिन पीपल पर दीपक जलाना पितरों की विशेष कृपा दिलाता है।

मान्यता है कि पीपल वृक्ष पितृ लोक से जुड़ा होता है। अमावस्या को दीपक जलाने से पितर तृप्त होते हैं।

 

**लाभ:

*पितृ दोष में कमी

*घर में सुख-शांति

*संतान और धन संबंधी बाधाएं दूर

 

पूजा में किन चीज़ों का इस्तेमाल करें?

पीपल की पूजा के लिए जो सामग्री ली जा सकती है, उसमें शामिल हैं:

1. शुद्ध जल और दूध

2. चावल, रोली

3. तिल और काले तिल

4. चंदन

5. धूप और दीपक

6. गुड़

7. कोई मिठाई या फल

 

—सोमवार की शाम — सोमवार को पीपल पर दीपक जलाना चंद्र दोष और मानसिक तनाव को शांत करता है।

लाभ:

*मन की बेचैनी दूर

*नींद संबंधी समस्याओं में राहत

*भावनात्मक संतुलन बढ़ता है

 

—पीपल के पेड़ पर दीपक जलाने की सही विधि

1. स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें

2. पीपल वृक्ष के पास जाकर मन को शांत करें

3. जल से वृक्ष को स्पर्श कर प्रणाम करें

4. दीपक जलाएं (जमीन पर या चबूतरे पर, पेड़ पर नहीं)

5. 7 बार पीपल की परिक्रमा करें

6. मन ही मन अपनी समस्या कहें या मंत्र जप करें

 

**मंत्र 

 *ॐ नमः शिवाय (21 बार)

 *ॐ शं शनैश्चराय नमः (11 बार)

 

–पीपल पर दीपक जलाने के ज्योतिषीय लाभ;

 

🔹 1. शनि दोष से मुक्ति

पीपल शनि देव का प्रिय वृक्ष है। नियमित दीपक से शनि का प्रकोप शांत होता है।

 

🔹 2. धन प्रवाह में सुधार

जो लोग आर्थिक संकट, रुका हुआ पैसा या बार-बार नुकसान झेल रहे हैं—उन्हें विशेष लाभ मिलता है।

 

🔹 3. पितृ दोष शांति

पीपल पर दीपक जलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।

 

🔹 4. नकारात्मक ऊर्जा का नाश

घर और जीवन से नकारात्मकता धीरे-धीरे समाप्त होती है।

🔹 5. आध्यात्मिक उन्नति

ध्यान, साधना और आत्मिक शांति में वृद्धि होती है।

 

—पीपल पर दीपक जलाते समय सावधानियां:

❌ रविवार के दिन पीपल पर पूजा ना करें 

❌ पीपल को कभी न काटें

❌ दीपक पेड़ की जड़ में रखें, तने पर न टांगें

❌ बिना श्रद्धा या क्रोध में यह उपाय न करें

❌ महिलाओं को मासिक धर्म के समय यह उपाय नहीं करना चाहिए

 

 

—कौन-सा तेल सबसे शुभ?

 

*शनि दोष– सरसों का तेल

*पितृ दोष– घी + काले तिल

*धन समस्या–तिल का तेल

*मानसिक शांति– गाय के घी का

 

क्या फायदे होते हैं इस पूजा से?

 

सावन में पीपल की पूजा करने से कई तरह की बाधाओं से छुटकारा मिलता है. विशेषकर शनिदोष और पितृदोष शांत होते हैं. जीवन में सुख-शांति, आर्थिक समृद्धि और मानसिक संतुलन बना रहता है, अगर आप नियमित रूप से शनिवार को पीपल की पूजा करते हैं तो आपकी कई अधूरी इच्छाएं भी पूरी हो सकती हैं.

पीपल के पेड़ पर सही समय और श्रद्धा से दीपक जलाना एक अत्यंत प्रभावशाली ज्योतिषीय उपाय है।

विशेषकर संध्या काल, शनिवार और अमावस्या, ये तीन समय सबसे अधिक फलदायी माने गए हैं।

 

यदि यह उपाय नियमित, विश्वास और शुद्ध भावना से किया जाए, तो जीवन में शांति, समृद्धि, ग्रह शांति और पितृ कृपा अवश्य प्राप्त होगी

Related posts:

घर में सुख-शांति के लिए अपनाएं ये ज्योतिषीय और वास्तु उपाय

Shani Dhaiya upay: शनि की ढैय्या में जीवन कैसे बदलता है? शनि दशा के अनसुने उपाय!

Deepawali 2025: दीपावली 2025 कब है? नोट करे शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और दीपावली के अनसुने उपाय|

Pitra Dosh: पितृ दोष है कुंडली में? पहचानें इसके लक्षण और असर ! ऐसे में करें तुरंत ये उपाय?

शनि की महादशा और साढ़ेसाती क्या है और क्या है उपाय

Shani: शनि का कुंडली के सप्तम भाव में फल? जानिए प्राचीन उपाय!

Dushehra 2025: अष्टमी-नवमी के साथ इस बार दशहरा कब है और क्यों है इतना खास?

पूजा करते समय सिर ढकना कितना ज़रूरी है ? परंपरा, ग्रहों और ऊर्जा का गहरा संबंध?

शुक्रवार के दिन ज्योतिष के ये उपाय, रातोरात चमक जाती है किस्मत, कैरियर में तरक्की का उछाल

Dhanu rashi:धनु राशि अक्टूबर 2025 मासिक राशिफल! मिलेगा लाभ और रिश्तों में खुशियां या फिर कोई चुनौती?

पैसा नही टिकता तो झटपट करे ये उपाय, दिनोदिन तरक्की, ज्योतिषीय समाधान:

देवउठनी एकादशी 2025 में कब है? जानिए देवों के जागने की शुभ तिथि और शुभ मुहूर्त,पूजा विधि !